अगर आप भारत में रहते हैं और टैक्स नहीं देंगे तो क्या होगा? आपको यह जरूर जानना चाहिए – India TV Hindi

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Tax evasion

Photo:FILE टैक्स चोरी

अगर आप भारत में रहते हैं तो टैक्स देना जरूरी है। आप बिजनेस कर कमात हैं या नौकरी, अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो भुगतान करना होगा। टैक्स देने से न केवल राष्ट्रीय राजस्व में वृद्धि होती है, बल्कि टैक्सपेयर्स को कई तरह के लाभ भी सरकार की ओर से मुहैया कराई जाती है। वहीं, टैक्स चोरी करने या नहीं देने पर वित्तीय दंड, पेनल्टी, ब्याज वूसली और कानूनी कार्रवाई तक का प्रावधान है। भारत में टैक्सपेयर्स को दो आयकर व्यवस्थाओं के बीच चयन करने का विकल्प मिलता है। ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम। प्रत्येक व्यवस्था के अपने नियम और कर स्लैब होते हैं, जिससे व्यक्ति अपनी वित्तीय परिस्थितियों के अनुसार सबसे बेहतर विकल्प चुन सकता है। आइए जानते हैं कि अगर आप टैक्स नहीं चुकाएंगे तो क्या कार्रवाई आप पर हो सकती है। 

टैक्स नहीं चुकाने पर हो सकती है ये कार्रवाई 

देर से दाखिल करने पर जुर्माना (धारा 234F): नियत तिथि तक आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर जुर्माना लगता है। अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख से अधिक है, तो जुर्माना ₹5,000 है। ₹5 लाख तक की आय के लिए जुर्माना ₹1,000 है। धारा 234A रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए 1% प्रति माह की दर से ब्याज वसूला जाता है। 

आयकर विभाग से नोटिस (धारा 156): आयकर विभाग धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस जारी कर सकता है, जिसमें एक निश्चित समय सीमा के भीतर बकाया राशि का भुगतान करना होता है। इन नोटिसों को अनदेखा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

टैक्स चोरी के लिए दंड (धारा 270ए, 276सीसी): टैक्स चोरी, चाहे जानबूझकर की गई हो या अनजाने में, कठोर दंड का प्रावधान है। आय की गलत जानकारी देने पर धारा 270ए के तहत कम बताए गए कर का 50% से 200% तक जुर्माना लगाया जा सकता है। 

संपत्ति जब्ती: लगातार आयकर नोटिस को नहीं मानने पर, आयकर विभाग बकाया राशि वसूलने के लिए संपत्ति और वाहन जैसी संपत्तियों को जब्त कर सकता है। 

वित्तीय प्रतिष्ठा और यात्रा पर रोक: कर का भुगतान न करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और भविष्य में ऋण या क्रेडिट प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। गंभीर मामलों में, विदेश मंत्रालय पासपोर्ट जारी करने को रद्द किया जा सकता है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधित हो सकती है।

सुनवाई और कारावास: कर चोरी के महत्वपूर्ण मामलों में, अदालत में सुनवाई संभव है, जिसके परिणामस्वरूप भारी जुर्माने के साथ-साथ तीन महीने से सात साल तक की कैद हो सकती है।

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