Explainar: टैक्सपेयर्स को नई सुविधा देगा इनकम टैक्स बिल, बदल जाएगा इतना कुछ – India TV Hindi
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नया इनकम टैक्स बिल 2025, आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोक सभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश कर दिया। इस बिल के जरिये सरकार का मकसद टैक्सपेयर्स के लिए आयकर नियमों को आसान बनाना, शब्दावली में बदलाव और इससे जुड़ी तमाम असुविधाओं और अड़चनों को खत्म करना है। टैक्स से जुड़े विवादों को कम से कम करना है। इनकम टैक्स बिल, 2025 संसद में पास होने 1 अप्रैल, 2026 से इनकम टैक्स एक्ट, 2025 के तौर पर लागू हो जाएगा। भारत के संविधान के अनुच्छेद 117 के तहत राष्ट्रपति की सिफारिश पर यह बिल लाया गया है। इसमें कहा गया है, कि राष्ट्रपति को आयकर विधेयक, 2025 की विषय-वस्तु की जानकारी है और संविधान के अनुच्छेद 274 के खंड (1) के साथ पठित अनुच्छेद 117(1) और (3) के अंतर्गत विधेयक को लोक सभा में प्रस्तुत करने और उस पर विचार करने की सिफारिश की जाती है। बिल में 536 क्लाउजेज हैं।
सरकार का मकसद संक्षेप में समझ लीजिए
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि इन नए इनकम टैक्स बिल का मकसद “SIMPLE”सिद्धांत है। यहां S का मतलब सुव्यवस्थित संरचना और भाषा, I से मतलब एकीकृत और संक्षिप्त, M का अर्थ है न्यूनतम मुकदमेबाजी, P से आशय है व्यावहारिक और पारदर्शी, L से मतलब है सीखें और अनुकूलन करें और E का मतलब है कुशल कर सुधार। कुल मिलाकर इनकम टैक्स को लेकर इस बिल का यही मुख्य मकसद है।
इनकम टैक्स बिल 2025 की मुख्य बातें
इनकम टैक्स बिल 2025 (आयकर विधेयक, 2025) में आसान भाषा है, गैरजरूरी प्रावधानों को खत्म किया गया है और छोटे वाक्य अपनाए गए हैं। विधेयक में कोई एडिशनल टैक्स नहीं जोड़ा गया है। V/E के मौजूदा टैक्स प्रावधानों को दर्शाता है। नए इनकम टैक्स बिल 2025 में 622 पन्ने हैं जिसमें 536 धाराएं हैं। इसके अलावा, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां हैं। इसके विपरीत 1961 के अधिनियम में 298 धाराएं, 23 अध्याय और 14 अनुसूचियां हैं। नए बिल में व्यक्तियों, एचयूएफएस और दूसरी संस्थाओं के लिए पारंपरिक और नए टैक्स ढांचे दोनों को शामिल किया गया है। नए बिल में टैक्स ईयर कॉन्सेप्ट को रखा गया है। ‘पिछला वर्ष’ और ‘मूल्यांकन वर्ष’ जैसे जटिल शब्दों को खत्म किया गया है।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 में 622 पन्ने हैं जिसमें 536 धाराएं हैं।
स्पष्टता के लिए ‘बावजूद’ के स्थान पर ‘निर्भर’ शब्द का प्रयोग है। स्पष्टीकरण या शर्तों’ के बजाय तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग है। अधिकारों और जिम्मेदारियों को रेखांकित करने वाले करदाता चार्टर को शामिल किया गया है। साथ ही बाजार से जुड़े डिबेंचर पर पूंजीगत लाभ की गणना के लिए विशिष्ट प्रावधान है। मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन), ग्रेच्युटी और छुट्टी नकदीकरण सहित वेतन कटौती को कई अनुभागों/नियमों में फैलाने के बजाय एक ही अनुभाग में ग्रहण किया गया है।
नए बिल में इन चीजों में नहीं होगा कोई बदलाव
इनकम टैक्स बिल 2025 में कुछ चीजों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। इनमें टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीखों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। कोर्ट के फैसलों में परिभाषित मुख्य शब्द/वाक्यांश अपरिवर्तित रहेंगे। सभी के लिए टैक्स कानून प्रावधानों की निश्चितता और नया आयकर विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम को सिर्फ सरल बनाता है।