‘EVM पर सवाल उठाने वालों को शर्म करनी चाहिए’, विपक्ष पर राज्यसभा में जमकर बरसे शाह – India TV Hindi

‘EVM पर सवाल उठाने वालों को शर्म करनी चाहिए’, विपक्ष पर राज्यसभा में जमकर बरसे शाह – India TV Hindi

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Image Source : PTI
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

नई दिल्ली: राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर 2 दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी कि EVM पर संदेह उठाये जाने को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जब 2 राज्यों के विधानसभा के चुनाव नतीजे एक ही दिन आए हों और एक में किसी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया हो और दूसरे में वह जीत गई हो तो ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को शर्म करनी चाहिए।

‘झारखंड में टप्प से जाकर, नए कपड़े पहन कर शपथ ले ली’

शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी के लोग चुनाव हारने के बाद EVM को लेकर घूमते हैं कि इसने हरा दिया। उन्होंने कहा कि सु्प्रीम कोर्ट ने EVM से जुड़ी 24 अर्जियों को नकार दिया तथा निर्वाचन आयोग ने 3 दिन तक EVM को हैक करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया लेकिन कोई नहीं आया। शाह ने कहा कि हाल में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया, जो द्रोह जनादेश के साथ किया गया, उसका दंड महाराष्ट्र की जनता ने दिया। उन्होंने कहा, ‘उसी दिन वे (विपक्ष) झारखंड में जीते। महाराष्ट्र में EVM खराब है और झारखंड में टप्प से जाकर, नए कपड़े पहन कर शपथ ले ली। अरे भाई जरा तो शर्म करो, जनता देख रही है।’ 

‘अभी कुछ राजनेता 54 साल की आयु में खुद को युवा कहते हैं’

शाह ने संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत का संविधान किसी की नकल नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बात लेने के साथ-साथ इसमें अपने देश की परंपराओं का पूरा ध्यान रखा गया है। गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना इशारों में कहा, ‘अभी कुछ राजनेता आये हैं, 54 साल की आयु में अपने को युवा कहते हैं। घूमते रहते हैं और कहते रहते हैं संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि संविधान बदलने का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 368 में ही है।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 16 साल शासन किया जिसमें 22 बार संविधान में संशोधन किया गया जबकि कांग्रेस के 55 साल के शासन में 77 बार संविधान संशोधन हुआ।

‘मूलभूत अधिकार में कटौती करने के लिए था पहला संशोधन’

अमित शाह ने दावा किया कि यह देखने वाली बात है कि किसने देश के नागरिकों की भलाई के लिए संविधान संशोधन किया और किसने अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए इसमें बदलाव किए। गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी की सरकार के शासनकाल में किए गए संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान में पहला संशोधन नागरिकों के मूलभूत अधिकार में कटौती करने के लिए लाया गया था। उन्होंने देश में आपातकाल लगाये जाने और चुनी हुई सरकार को अनुच्छेद 356 लगाकर गिराने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। (भाषा)

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