ED से सैम पित्रौदा की शिकायत, 150 करोड़ रुपये की जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप – India TV Hindi

[ad_1]
सैम पित्रौदा के खिलाफ ED में शिकायत।
अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले सैम पित्रौदा एक बार फिर से मुश्किल में फंस गए हैं। भाजपा के एक नेता ने सैम पित्रौदा के ऊपर वन विभाग के अधिकारियों समेत पांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये की 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED और कर्नाटक लोकायुक्त के पास इस मामले को लेकर सैम पित्रौदा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
शिकायत में क्या कहा गया?
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के पूर्व पार्षद एन आर रमेश ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सैम पित्रौदा उर्फ सत्यनारायण गंगाराम पित्रौदा ने दशकों पहले 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय में ‘फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT)’ नाम से एक संगठन के रजिस्टर कराया था। इसके बाद पित्रौदा के अनुरोध पर साल 2010 में मुंबई में FRLHT का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था। भाजपा नेता ने कहा- ‘‘बाद में, 2008 में, उन्होंने (पित्रौदा ने) पुनः बेंगलुरू के ब्यातारायणपुरा उप-पंजीयक कार्यालय में ‘फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन’ नाम से एक ‘ट्रस्ट डीड (न्यास की स्थापना संबंधी दस्तावेज)’ पंजीकृत कराया।’’ शिकायत के मुताबिक, रमेश ने आरोप लगाया कि इस बीच सैम पित्रौदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय पौधों के संरक्षण और अनुसंधान के लिए एक आरक्षित वन क्षेत्र को पट्टे पर आवंटित करने का अनुरोध किया।
1996 में 12.35 एकड़ जमीन आवंटित की गई
भाजपा नेता की शिकायत में दावा किया गया है कि सैम पित्रौदा के अनुरोध पर कर्नाटक राज्य वन विभाग की ओर से साल 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जराकबांडे कवल के ‘बी’ ब्लॉक में पांच हेक्टेयर (12.35 एकड़) आरक्षित वन भूमि पांच साल के पट्टे पर आवंटित की गई थी। भाजपा नेता रमेश के मुताबिक, चूंकि FRLHT को दिया गया प्रारंभिक पांच साल का पट्टा 2001 में समाप्त हो गया था, इसलिए कर्नाटक राज्य वन विभाग ने इसे अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया। भाजपा नेता के मुताबिक, सैम पित्रौदा की मुंबई स्थित FRLHT की लीज अवधि दो दिसंबर, 2011 को समाप्त हो गई थी और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया।
जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपये से ज्यादा
भाजपा नेता रमेश ने दी गई शिकायत में कहा है कि लीज अवधि समाप्त होने के बाद राज्य वन विभाग को 12.35 एकड़ सरकारी भूमि को फिर से प्राप्त करना था। इस जमीन की कीमत अब 150 करोड़ रुपये से ज्यादा है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 वर्षों से इस जमीन को पुनः प्राप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया है।
जनता दल सेक्युलर ने उठाया सवाल
भाजपा नेता द्वारा ईडी और लोकायुक्त के पास दी गई शिकायत और लगाए गए आरोपों को लेकर सैम पित्रौदा ने अब तक कोई भी रिएक्शन नहीं दिया है। हालांकि, दूसरी ओर जनता दल सेक्युलर के नेता निखिल कुमारस्वामी ने X पर इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या कर्नाटक के वनमंत्री ईश्वर खांडरे पित्रौदा के खिलाफ कार्रवाई करेंगे? (इनपुट: भाषा)
ये भी पढ़ें- ‘तमिलनाडु एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार’- CM स्टालिन, लोकसभा परिसीमन मुद्दे पर भी बुलाई बैठक
[ad_2]
Source link