4 साल के निचले स्तर पर आ सकती है GDP: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4% रहने का अनुमान, एक साल पहले 8.2% रही थी

4 साल के निचले स्तर पर आ सकती है GDP:  वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4% रहने का अनुमान, एक साल पहले 8.2% रही थी

[ad_1]

नई दिल्ली10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद यानी, जीडीपी का अनुमान 6.4% पर बरकरार रखा है। एक साल पहले यानी, 2023-24 ये आंकड़ा 8.2% था। सांख्यिकी मंत्रालय ने आज यानी, मंगलवार 7 जनवरी को ये आंकड़े जारी किए।

वित्त वर्ष 2022 से सालाना ग्रोथ 7% या उससे ऊपर ही बनी हुई है। यानी जीडीपी ग्रोथ बीते 4 साल मे पहली बार ग्रोथ 7% से नीचे आ सकती है। वित्त वर्ष 2022 में 9.7%, वित्त वर्ष 23 में 7%, वित्त वर्ष 24 में 8.2% की ग्रोथ दर्ज हुई थी।

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (H1) सुस्त रहने के बावजूद, मंत्रालय को उम्मीद है कि दूसरी छमाही में कृषि और औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रामीण मांग के चलते ग्रोथ बनी रहेगी। वहीं रिजर्व बैंक ने 6.6% की ग्रोथ का अनुमान दिया था।

प्रमुख देशों में भारत अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी

धीमी जीडीपी ग्रोथ के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है। इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ 4.6% रही। वहीं जापान की जीडीपी 0.9% की दर से बढ़ी है।

GDP क्या है?

GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।

दो तरह की होती है GDP

GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?

GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?

GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।

इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Skip to content