सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बंद कर सकती है सरकार: बजट में SGB स्कीम के लिए नए एलोकेशन की संभावना कम, इस स्कीम से सरकार को हो रहा घाटा

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बंद कर सकती है सरकार:  बजट में SGB स्कीम के लिए नए एलोकेशन की संभावना कम, इस स्कीम से सरकार को हो रहा घाटा


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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को बंद कर सकती है। 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर फैसला भी किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार बजट में SGB स्कीम के लिए नए एलोकेशन यानी आवंटन की संभावना बहुत कम है।

सोने की बढ़ती कीमत को देखते हुए ये फैसला संभव है। CNBC के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि मौजूदा साल में 18,500 करोड़ रुपए के SGB जारी करने का ऐलान किया गया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5% ब्याज से सरकार को नुकसान हो रहा है। ऐसे में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम आगे जारी रहने की संभावना नहीं है।

लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सरकार का मानना है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किए गए थे। लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों और इस स्कीम पर दिए जाने वाले ब्याज के खर्च के कारण सरकार इस स्कीम को बंद कर सकती है।

पिछले 3-4 सालों में सोने के भाव में जोरदार तेजी के कारण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम दोगुना से ज्यादा रिटर्न दे रही है। इससे निवेशकों की तो चांदी है, लेकिन सरकार के लिए यह स्कीम घाटे का सौदा साबित हो रही है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: 2015 में गोल्ड इंपोर्ट घटाने के मकसद से शुरू हुई

भारतीय रिजर्व बैंक ने फिजिकल गोल्ड का अल्टरनेटिव देने करने के लिए नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम का मकसद सोने की मांग को कम करना और आयात पर अंकुश लगाना भी था।

निवेश की लिमिट: अधिकतम 4 किलो सोने में कर सकते हैं इन्वेस्ट

SGBs के जरिए कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकता है। जॉइंट होल्डिंग के मामले में 4 KG की निवेश सीमा पहले आवेदक पर ही लागू होगी। वहीं किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है।

निवेश का फायदा: शुद्धता और सुरक्षा की चिंता नहीं, हरा साल ब्याज भी

SGBs में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट के रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है। इस पर सालाना 2.5% ब्याज मिलता है और सोने की कीमत जितनी बढ़ती है उसका भी फायदा मिलता है।

निवेश पर रिटर्न: 8 साल में 170% का रिटर्न, हर साल 2.5% ब्याज अलग

2015-16 में जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को लॉन्च किया गया था, तब इसका प्रति ग्राम भाव 2,684 रुपए था। इस पर 50 रुपए का डिस्काउंट था। यानी, भाव 2,634 रुपए हो गया था। अभी 999 शुद्धता वाले सोने का भाव 7,000 रुपए के करीब है। यानी 8 साल में में सोने ने करीब 170% का रिटर्न दिया है। इसके अलावा हर साल 2.5% का ब्याज भी मिला है।

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