सुसाइड कर चुके व्यक्ति के स्पर्म को भी संरक्षित करने की मिली अनुमति- दिल्ली हाई कोर्ट – India TV Hindi

सुसाइड कर चुके व्यक्ति के स्पर्म को भी संरक्षित करने की मिली अनुमति- दिल्ली हाई कोर्ट – India TV Hindi

[ad_1]

आत्महत्या कर चुके व्यक्ति का स्पर्म किया जा सकेगा संरक्षित

Image Source : FILE PHOTO
आत्महत्या कर चुके व्यक्ति का स्पर्म किया जा सकेगा संरक्षित

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में आत्महत्या कर चुके एक व्यक्ति के शुक्राणु (Sperm) मेडिकल प्रक्रिया से हासिल करने और उसे संरक्षित करने की अनुमति दे दी है। दिल्ली हाई कोर्ट की जज सचिन दत्ता ने व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर यह निर्देश पारित किया। 

कोर्ट ने अस्पताल को दिया निर्देश

याचिका में भविष्य में सहायक प्रजनन चिकित्सा में उपयोग के लिए, ‘पोस्टमार्टम स्पर्म रिट्रीवल’ (PMSR) प्रक्रिया के माध्यम से उसके स्पर्म को संरक्षित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने 24 जनवरी को कहा, ‘याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर प्रतिवादी संख्या 2 अस्पताल को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ताओं के जोखिम और लागत पर ऐसे किसी अन्य अस्पताल में पीएमएसआर प्रक्रिया की व्यवस्था करने का प्रयास करे, जो इन सुविधाओं से लैस हो।’ 

कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

जज दत्ता ने कहा कि निकाले गए स्पर्म को उस अस्पताल द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए, जहां यह प्रक्रिया की जाएगी। कोर्ट ने याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है। 

मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को

इसमें कहा गया है कि स्पर्म हासिल करना मामले में अगले आदेशों पर निर्भर करेगा। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि मरणोपरांत प्रजनन पर उच्च न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार, ‘‘वीर्य का नमूना’’ भारतीय कानून के तहत संपत्ति के समान है और इसलिए यह उस व्यक्ति की संपत्ति का हिस्सा है जिसकी मौत हो चुकी है। वर्तमान मामले में, व्यक्ति ने 22 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी।

भाषा के इनपुट के साथ



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Skip to content