सरकार का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 15.9% बढ़ा: वित्त वर्ष-25 में अब तक ₹16.89 लाख करोड़ रहा, ₹3.74 लाख करोड़ का टैक्स रिफंड जारी किया

सरकार का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 15.9% बढ़ा:  वित्त वर्ष-25 में अब तक ₹16.89 लाख करोड़ रहा, ₹3.74 लाख करोड़ का टैक्स रिफंड जारी किया

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नई दिल्ली20 मिनट पहले

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भारत सरकार का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष-2024-25 में 15.9% बढ़कर 16.89 लाख करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल इसी अवधि में यह 14.58 लाख करोड़ रुपए रहा था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 13 जनवरी (सोमवार) को इस बात की जानकारी दी।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने बताया कि 12 जनवरी तक 16.89 लाख करोड़ रुपए का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन हुआ है। जिसमें 7.68 लाख करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट टैक्स (नेट ऑफ रिफंड), 8.74 लाख करोड़ रुपए का नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स और 44,538 करोड़ रुपए का सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (नेट ऑफ रिफंड), शामिल है।

सरकार ने 3.74 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया

सरकार ने 12 जनवरी तक 3.74 लाख करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स रिफंड जारी किया, जो 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में 42.49% की ग्रोथ है। वहीं नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में एडवांस टैक्स में 21.5% की ग्रोथ हुई। कॉर्पोरेट टैक्स में सिर्फ 8% की ग्रोथ हुई है।

टैक्स कलेक्शन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार को अपने फिस्कल डेफिसिट टारगेट को पूरा करने में मदद करता है। केंद्र ने जुलाई के बजट में वित्त वर्ष 25 के लिए 4.9% फिस्कल डेफिसिट का टारगेट तय किया है।

रिफंड को एडजस्ट करने से पहले ग्रॉस बेसिस पर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12 जनवरी तक 20.64 लाख करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 19.9% की ग्रोथ थी।

डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में अंतर?

जो टैक्स सीधे आम आदमी से वसूला जाता है उसे डायरेक्ट टैक्स कहते हैं। डायरेक्ट टैक्स में कॉरपोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स आता है। शेयर या दूसरे संपत्तियों पर लगने वाला टैक्स भी डायरेक्ट टैक्स कहलाता है। जो टैक्स सीधे आम जनता से नहीं लिया जाता, लेकिन उसकी वसूली भी आम जनता से ही होती है, उसे इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, GST शामिल है।

पहले देश में कई प्रकार के इनडायरेक्ट टैक्स होते थे। लेकिन 1 जुलाई 2017 से सभी प्रकार इनडायरेक्ट टैक्स को GST में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, पेट्रोलियम पदार्थों और शराब पर लगने वाले टैक्स को अभी GST के दायरे से बाहर रखा गया है। टैक्स कलेक्शन को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों को दर्शाने वाला माना जाता है। भारत में इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अच्छा रहा है।

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