संभल में जामा मस्जिद के ASI सर्वे में क्यों की गई जल्दबाजी? सीएम योगी ने दिया जवाब – India TV Hindi

संभल में जामा मस्जिद के ASI सर्वे में क्यों की गई जल्दबाजी? सीएम योगी ने दिया जवाब – India TV Hindi

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ स्पेशल शो ‘प्रणाम इंडिया’ में खुलकर सवालों का जवाब दिया। सीएम योगी से जब यह पूछा गया कि संभल में मस्जिद का एएसआई सर्वेक्षण जल्दबाजी में क्यों किया गया। इस पर उन्होंने कहा, “हमारे यहां शुभ कार्यों में लेट नहीं होता है। जब एक बार शुभ मुहुर्त निकल चुका होता है तो बार-बार मुहुर्त दिखवाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। ..आगे सब बढ़ चलता है। 

संभल को लेकर सीएम योगी ने कही ये बात

सीएम योगी ने कहा कि मुझे लगता है, संभल में जो सब कुछ हुआ, उसे देश और दुनिया देख रही है। पौराणिक बावड़ी मिल रही है, कुएं मिल रहे हैं। प्राचीन किले भी वहां मिल रहे हैं। हमारे पुराणों के साथ-साथ आइन-ए-अकबरी में भी इसका उल्लेख किया गया है। श्रीविष्णु का जो मंदिर था, मीर बाकी ने सन 1526 में उसे तोड़ कर वहां मस्जिद का ढांचा खड़ा किया था। जिसे आज वहां लोग जामा मस्जिद कहते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अबुल फज़ल इसे आज से सैकड़ों वर्षं पहले लिखता है, ये किसी हिंदू ने नहीं लिखा। उस समय के जिन वृत्तांतों को उन्होंने उल्लेख किया है, उसे कैसे ये लोग नकार सकते हैं। हो सकता है, पुराणों पर वे विश्वास न करें, लेकिन कम से कम आइन-ए-अकबरी को तो देखें। उसी पर विश्वास कर लें। अगर ये उद्धरण किसी हिंदू ग्रंथ से मैं दूं, तो उनको हो सकता है परेशानी हो, लेकिन ये उद्धरण उन्हीं के यहां से दिया जा रहा है। आने वाले समय में बहुत कुछ वहां पर उजागर होने वाला है।”

संभल के मुसलमानों को लेकर सीएम ने कही ये बात

योगी ने कहा, “यहां तक कि संभल में जिन मुसलमानों के पूर्वजों ने उस अवधि के दौरान इस्लाम धर्म अपना लिया था। उन्होंने भी अपने गोत्रों का रिकॉर्ड रखा है और वे चाहते हैं कि मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। समस्या उन नेताओं के साथ है जो मुसलमानों को अपना वोट बैंक मानते हैं। वे चिंतित हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हम लोग ये मान कर चलने वाले लोग हैं, यतो धर्म, ततो जय:, जहां सनातन धर्म है, वहां सनातन धर्म की जरूर विजय होगी और मुझे लगता है हम उसको लोकतांत्रिक मूल्यों से लेंगे, भारत की संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत लेंगे, इसलिए वहां दरियादिली दिखाने की आवश्यकता है।”

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