श्याम बेनेगल का अंतिम संस्कार: नम आंखों के साथ विदाई देने पहुंचे स्टार्स; 90 साल की उम्र में निधन

श्याम बेनेगल का अंतिम संस्कार:  नम आंखों के साथ विदाई देने पहुंचे स्टार्स; 90 साल की उम्र में निधन

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2 घंटे पहले

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श्याम बेनेगल ने 1974 की फिल्म अंकुर से बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी। - Dainik Bhaskar

श्याम बेनेगल ने 1974 की फिल्म अंकुर से बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी।

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार 23 दिसंबर को मुंबई में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई सेंट्रल के वोकहार्ट अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज शिवाजी पार्क इलेक्ट्रिक क्रिमेटोरियम में होगा। अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस से श्मशान घाट पहुंच चुका है। एंबुलेस में एक्टर अतुल तिवारी भी मौजूद थे।

श्याम बेनेगल के नाम सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है। उन्हें 8 फिल्मों के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर अस्पताल से निकाला जा रहा है।

श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर अस्पताल से निकाला जा रहा है।

एंबुलेंस में श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर रखा जा रहा है।

एंबुलेंस में श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर रखा जा रहा है।

एंबुलेस में श्याम बेनेगल के पार्थिव शरीर के साथ एक्टर अतुल तिवारी भी मौजूद।

एंबुलेस में श्याम बेनेगल के पार्थिव शरीर के साथ एक्टर अतुल तिवारी भी मौजूद।

श्याम बेनेगल के अंतिम संस्कार में एक्टर नसीरुद्दीन शाह और बोमन ईरानी भी पहुंचे।

श्याम बेनेगल के अंतिम संस्कार में एक्टर नसीरुद्दीन शाह और बोमन ईरानी भी पहुंचे।

श्याम बेनेगल को शिवाजी पार्क इलेक्ट्रिक क्रिमेटोरियम में गन सैल्यूट दिया गया।

श्याम बेनेगल को शिवाजी पार्क इलेक्ट्रिक क्रिमेटोरियम में गन सैल्यूट दिया गया।

निर्देशक और एक्टर रजित कपूर भी श्याम बेनेगल के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

निर्देशक और एक्टर रजित कपूर भी श्याम बेनेगल के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

श्याम बेनेगल के निधन पर हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि…

शेखर कपूर: श्याम बेनेगल ने सिनेमा में नई लहर लाए थे। उन्हें हमेशा ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने अंकुर, मंथन जैसी अनगिनत फिल्मों के साथ भारतीय सिनेमा की दिशा बदली। उन्होंने शबामा आजमी और स्मिता पाटिल जैसे महान कलाकारों को स्टार बनाया। अलविदा मेरे दोस्त और मार्गदर्शक।

सुधीर मिश्रा: अगर श्याम बेनेगल ने किसी एक चीज को सबसे बेहतर तरीके से अभिव्यक्त किया है, तो वह है साधारण चेहरे और साधारण जीवन की कविता!

इला अरुण: ‘अपने गुरु श्याम बेनेगल के निधन से मैं स्तब्ध और टूट गई हूं। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपने पिता को खो दिया है।’

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8 नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड रखने वाले श्याम बेनेगल को मंथन, मंडी, आरोहन, भूमिका, जुबैदा जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। वो न केवल पैरेलल सिनेमा के जनक कहलाए, बल्कि उनकी बनाई फिल्म मंथन, ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई थी। हालांकि, ये बात कम लोग ही जानते हैं कि ये फिल्म 5 लाख किसानों से 2-2 रुपया चंदा लेकर बनाई गई थी, जिसे देखने के लिए लोग गांव-गांव से ट्रकों में भरकर शहर पहुंचते थे। पूरी खबर पढ़िए…

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