वित्त मंत्री सीतारमण आज पेश करेंगी रिकॉर्ड आठवां बजट, आयकर कटौती की उम्मीदें बढ़ीं – India TV Hindi

वित्त मंत्री सीतारमण आज पेश करेंगी रिकॉर्ड आठवां बजट, आयकर कटौती की उम्मीदें बढ़ीं – India TV Hindi

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Nirmala Sitaraman

Image Source : PTI
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी जिसमें महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर दरों/स्लैब में कटौती या बदलाव की उम्मीद की जा रही है। वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे को कम करने के मसौदे पर टिके रहते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय भी कर सकती हैं। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए धन की देवी का आह्वान करने के बाद आयकर में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। खासकर निम्न मध्यम वर्ग को बजट में कुछ राहत मिल सकती है। 

निवेश गतिविधि में मामूली सुधार

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पहली तिमाही के आंकड़े निजी खपत में उल्लेखनीय वृद्धि और निवेश गतिविधि में मामूली सुधार की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव संपन्न होने के साथ अनुमान है कि सरकारी खर्च बढ़ेगा, जिससे आगामी तिमाहियों में वृद्धि को समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में प्रयासों को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। 

व्यापक स्थिरता को प्राथमिकता दे सकती है 

अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में कम-से-कम 20 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। ईवाई इंडिया में मुख्य नीतिगत सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बीच आगामी बजट में राजकोषीय संयम को वृद्धि उपायों के साथ संतुलित करना चाहिए। डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि केंद्र सरकार राजकोषीय समेकन के रास्ते पर टिके रहकर और लोकलुभावन उपायों से दूर रहकर व्यापक स्थिरता को प्राथमिकता दे सकती है।

सीतारमण का रिकॉर्ड आठवां बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को अंतिम रूप दिया। उम्मीद है कि इसमें मध्यम वर्ग की कर कटौती की आकांक्षा और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा। सीतारमण एक फरवरी को रिकॉर्ड आठवां लगातार बजट पेश करेंगी। बजट के राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण होने के साथ-साथ इसमें कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने तथा उच्च कीमतों और स्थिर वेतनवृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग पर बोझ कम करने के उपाय शामिल होने की उम्मीद है। 

आर्थिक समीक्षा के आंकड़े

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नयी दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में केंद्रीय बजट 2025-26 को अंतिम रूप देते हुए बजट निर्माण प्रक्रिया में शामिल सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने भी हिस्सा लिया। यह बजट ऐसे समय में आएगा जब चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। वित्त मंत्री द्वारा दोनों सदनों में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहेगी, जो विकसित राष्ट्र बनने के लिए आवश्यक वृद्धि दर से काफी कम है। 

आर्थिक समीक्षा में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में विनियमन और सुधारों की आवश्यकता बताई गई है। इसने संकेत दिया कि भारत की विश्वस्तरीय वृद्धि धीमी पड़ रही है तथा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने के लिए अभी और काम करने की आवश्यकता है। (इनपुट-पीटीआई)

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