वर्क-लाइफ बैंलेंस पर गौतम अडाणी ने कहा- ‘बीवी भाग जाएगी’: किसी व्यक्ति का वर्क-लाइफ बैलेंस किसी अन्य पर थोपा नहीं जाना चाहिए

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नई दिल्ली3 मिनट पहले
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वर्क-लाइफ बैलेंस पर गौतम अडाणी ने कहा है कि संतुलन तब महसूस होता है जब कोई व्यक्ति वह काम करता है जो उसे पसंद है। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति यह स्वीकार कर लेता है कि उसे कभी ना कभी जाना है, तो उसका जीवन आसान हो जाता है।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में अडानी ने कहा, ‘आपका वर्क-लाइफ बैलेंस मेरे ऊपर थोपा नहीं जाना चाहिए और मेरा आप पर नहीं थोपा जाना चाहिए। मान लीजिए, कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ चार घंटे बिताता है और उसमें आनंद पाता है, या कोई अन्य व्यक्ति आठ घंटे बिताता है और उसमें आनंद लेता है, तो यह उसका बैलेंस है। इसके बावजूद यदि आप आठ घंटे बिताते हैं, तो बीवी भाग जाएगी।’
अडाणी ने कहा कि वर्क लाइफ बैलेंस व्यक्ति और उसके चाहने वालों के ऊपर डिपेंड करता है। गौतम अडाणी का यह बयान इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के सप्ताह में 70 घंटे काम करने वाले डिबेट के बीच आया है।
नारायण मूर्ति ने कहा था- भारतीय लोग हार्ड वर्क करना नहीं चाहते
इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने हाल ही में 70 घंटे वर्क कल्चर पर कहा था, ‘इंफोसिस में मैंने कहा था, हम दुनिया के टॉप कंपनियों के साथ अपनी तुलना करेंगे। मैं तो आपको बता सकता हूं कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है। हमें अपने एस्पिरेशन ऊंची रखनी होंगी क्योंकि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय गरीबी में हैं। अगर हम कड़ी मेहनत करना नहीं चाहते, तो कौन करेगा कड़ी मेहनत?’
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