यूनिमेक एयरोस्पेस के IPO का आखिरी दिन: कंपनी एयरक्राफ्ट से जुड़े टूल्स बनाती है; डायरेक्टर बोले- ग्लोबल प्लेयर्स के साथ पार्टनरशिप करना लक्ष्य

यूनिमेक एयरोस्पेस के IPO का आखिरी दिन:  कंपनी एयरक्राफ्ट से जुड़े टूल्स बनाती है; डायरेक्टर बोले- ग्लोबल प्लेयर्स के साथ पार्टनरशिप करना लक्ष्य


मुंबई4 मिनट पहलेलेखक: आदित्य मिश्रा

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मणि पी होलटाइम डायरेक्टर (ऑपरेशन), अनिल कुमार पी चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, रामकृष्ण कमोजला होलटाइम डायरेक्टर और CFO,प्रीतम SV होलटाइम डायरेक्टर (पीपल एंड की-अकाउंट मैनेजमेंट फंक्शन) रजनीकांत बलरामन होलटाइम डायरेक्टर (IT, बिजनेस डेवलपमेंट एंड ग्रोथ)। (बाएं से दाएं)

यूनीमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग के IPO में निवेश करने का आज आखिरी दिन है। 31 दिसंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।

इस इश्यू के जरिए कंपनी 500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कंपनी एयरो टूलिंग, ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सब-असेंबली और अन्य इंजीनियर कंपोनेंट बनाती है।

कंपनी के फाउंडिंग मेंबर्स-अनील कुमार पुतन और रामकृष्ण कामोझला ने बताया कि नए सेगमेंट और वीजन के साथ हम भारत का ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) और ग्लोबल स्तर पर एयरोस्पेस फील्ड और न्यूक्लियर फील्ड में पार्टनरशिप करना चाहते हैं।

दैनिक भास्कर ने कंपनी के डायरेक्टर से यूनीमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग के सफर, फ्यूचर प्लान और IPO से जुड़े सवाल किए…

पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल- कंपनी की शुरुआती कैसे हुई, अब तक का सफर कैसा रहा और क्या-क्या चुनौतियां रहीं?

जवाब- कंपनी की शुरुआत 2016 में हुई थी। हम 5 फाउंडिंग पार्टनर्स हैं। सभी को कस्टमर, मैन्यूफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग के फील्ड में 15 से 30 सालों एक्पीरियंस है। कंपनी को शुरू करने से पहले अलग-अलग कंपनियों में CEO और MD तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

सवाल- कंपनी का कोर मिशन और विजन क्या है?

जवाब- कंपनी एयरोस्पेस टूलिंग पर काम करती है। इसमें एयरक्राफ्ट के इंजन की रिपेयरिंग के लिए जरूरी इक्विपमेंट बनाई जाती है। लेकिन फिलहाल हम एक अलग सेगमेंट पर फोकस करना चाहते हैं। वो है- हाई क्वालिटी, हाई मिक्स और लो वॉल्यूम। ज्यादातर मैन्यूफैक्चरर इस सेगमेंट पर फोकस नहीं कर पा रहें है।

इंजन बनाना काफी कॉम्प्लेक्स काम है, इसलिए इस सेक्टर में प्लेयर्स कम और डिमांड काफी ज्यादा है। नए सेगमेंट और वीजन के साथ हम भारत का ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) और ग्लोबल स्तर पर एयरोस्पेस फील्ड और न्यूक्लियर फील्ड में पार्टनरशिप करना चाहते हैं।

सवाल- कंपनी कौन-कौन से प्रोडक्ट बनाती है, कितनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं?

जवाब- कंपनी मैकेनिकल असेंबली, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम और एयरोइंजन और एयरफ्रेम प्रोडक्शन के लिए कंपोनेंट जैसे कॉम्प्लेक्स टूल्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। कंपनी की शुरुआत के 8 साल में हमने इसके दो मैन्यूफैक्चरिंग फैसेलिटिज बनाई है। दोनों को हम सेगमेंट 1 और सेगमेंट 2 कहते हैं।

  • सेगमेंट- 1: ये एरोटूलिंग मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करती है। यह एयरोस्पेस पार्क स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) 1.50 लाख स्क्वायर फीट में है।
  • सेगमेंट 2: इसे न्यूक्लियर एंड प्रीसिजन सेगमेंट कहते हैं। यह 1 एकड़ का प्लांट है, जिसमें 30,000 स्क्वायर फीट में मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी है। ये न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स से जुड़े पार्ट्स बनाती है।

सवाल- आपका प्रायमरी कस्टमर कौन है, इसे बढ़ाने के लिए कोई तय प्लान है?

जवाब- हमारे सभी कस्टमर्स ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स यानी OEM, ग्लोबल लाइसेंसिंग पार्टनर्स और इंडिया बेल्ड न्यूक्लियर रिएक्टर सिस्टम और डिफेंस मैन्यूफैक्चरर्स हैं।

सवाल- आपकी कॉम्पिटीटर कंपनियां कौन-सी हैं?

जवाब- हेल्दी कॉम्पिटिशन में कोई कंपनी हमारा कॉम्पिटीटर नहीं हैं। हां, इस सेक्टर से जुड़े काम करने वाली कुछ कंपनियां हमारे इक्विवेलेंट जरूर हैं। लेकिन जो हम करते हैं वो नहीं करती है।

हमने जब भारत में एरोटूलिंग और न्यूक्लियर सेगमेंट में काम शुरू किया तब भारत में कोई कंपनी नहीं थी। सब कुछ US और यूरोप पर डिपेंड था। भारत में कुछ भी नहीं बनता था। हम इस सेगमेंट को जानने के लिए जर्मनी, यूरोप गए वहां इसे समझने की कोशिश की।

सवाल- प्रोडक्ट इनोवेशन जो आपको अलग बनाते हैं?

जवाब- हम हाई मिक्स और लो वॉल्यूम मैन्यूफैक्चरर हैं। हमारी स्पेशियलिटी हाई-प्रीसिजन और हाई कॉम्प्लेक्सिटी है। मार्केट में यह काफी अलग है। हमारी दूसरी खासियत है कि हम मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की पॉलिसी फॉलो करते हैं।

सवाल- कंपनी के भविष्य की योजनाएं, और कब सोचा की IPO लाना चाहिए?

जवाब- जब कंपनी की शुरू की तो पहले कुछ साल में 100 करोड़ रुपए के बिजनेस तक पहुंचने का लक्ष्य था। हमने मेहनत की और पहले साल में एक कस्टमर के साथ 1.57 करोड़, दूसरे साल 5 करोड़, तीसरे साल 40 करोड़ और चौथे साल 49 करोड़ रुपए रही।

कोविड में इसमें कुछ कमी रही। लेकिन, इसके बाद हम 300 करोड़ पर पहुंच गए। पिछले साल प्रॉफिट मार्जिन 24% रहा है। पिछले साल हमारी ग्रोथ 130% से ज्यादा रही है।

भारत में स्कील्ड वर्कफोर्स और पॉलिटिकल स्टेबिलिटी बेहतर है। इस वजह से भारत की ओर देखने वाले कस्टमर्स यहां काफी फोकस कर रहे हैं। इसी के चलते हम इस सेक्टर में काम करते हुए हम ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरीकों से फंड जुटाना चाह रहे हैं। इससे हम कंपनी का जरूरी एक्सपेंशन करना चाहते हैं।

  • पहली बात- बीते कुछ सालों में हम डबल डिजिट में ग्रोथ कर रहे हैं। इसे बनाए रखने के लिए हम अपने इक्विपमेंट पोर्टफोलियो को बढ़ाएंगे। फिलहाल हम 25-26 तरह के इक्विपमेंट्स बनाते हैं। फंडिंग और एक्सपेंशन के बाद हम ज्यादा मैन्युफैक्चर कर पाएंगे। इससे डिमांड बढ़ेगी और इसके चलते हमारे बढ़ने के और मौके मिलेंगे।
  • दूसरी बात- बिजनेस एक्सपेंशन के साथ-साथ हम ज्योग्राफिकल एक्सपेंशन पर भी काम कर रहें हैं। भारत में बैठकर भारत के लिए काम करने से देश कभी ग्रो नहीं करेगा। देश में रह कर हम बड़े मौके खो रहे हैं। आपको पूरी दुनिया के लिए मेक इन इंडिया करना होगा इसके लिए हमें ग्लोब के अलग-अलग सेक्टर में भी जाना होगा।
  • तीसरी बात- स्किल को बढ़ाना: दुनिया के अलग अलग प्लेयर्स के साथ काम कर के हम स्किल सीखेंगे और इसका इस्तेमाल हम अपने प्रोडक्शन में लगाएंगे। ऐसा कर के हम न्यूक्लियर में बेहतर ग्रोथ कर सकते हैं। न्यूक्लियर में काम करना मैकेनिकल काम है।
  • चौथी बात- कैपिटल एक्सपैंशन: इसके लिए लोगों को कंफिडेंस में लाएंगे। मिशनरी और बाकी चीजें बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।
  • पांचवी बात- ऑर्गेनिक ग्रोथ एंड एक्विजिशन: हम अपने सेक्टर से रिलेटेड सेक्टर्स की कंपनियों को साथ लेंगे उनके साथ अपने जरूरत को बढ़ाएंगे। हम नई कंपनियों को एक्वायर करेंगे और उनको जीरो से शुरू कर के आगे तक लेकर जाएंगे।

सवाल- कंपनी IPO के जरिए 500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। लेकिन इसमें OFS यानी ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी 250 करोड़ जुटा रही है। इस लिहाज से कंपनी को 250 करोड़ रुपए ही मिल रहे हैं।

जवाब- कंपनी अपने ग्रोथ के लिए ऑर्गेनिक तरीके से 250 करोड़ रुपए जुटा रही है। इससे कंपनी एक्विजिशन करेगी। प्री IPO में 250 करोड़ लिया ऑर्गेनिक तरीके से रेज किया। इसमें IPO साइज दिखाने के लिए हमने 500 करोड़ रेज करने का फैसला लिया। इसलिए प्रमोटर्स को 250 करोड़ रुपए डायल्यूट करने के लिए कहा। अभी कंपनी में हमारा स्टेक 90% है। IPO के बाद यह 80% तक रह जाएगा।

सवाल- आपको क्या लगता है, शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहेगा?

जवाब- भारत ग्रो कर रहा है और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण बन रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का परफॉर्मेंस भी काफी बेहतर है। हम मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में होने के नाते इसमें सेक्टर में टॉप कंपनियों के साथ बिजनेस के ड्राइव करेंगे। मैं ये नहीं बता सकता हूं कि शेयर कैसा परफॉर्म करेगा।

लेकिन इन्वेस्टर के लिहाज से जो कंपनी ग्रो कर रही है उसका शेयर बेहतर होता है। इसलिए हम ग्रोथ और फंडामेंटल और प्रॉफिट के लिए काम करेंगे। हम क्वार्टर-टू-क्वार्टर की कंपनी नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म कंपनी बनना चाहते हैं। इसलिए हमारा बिजनेस और बिजनेस करने वाले लोग काफी जिम्मेदार हैं और जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं।

सवाल- IPO से जुड़ी कोई खास बात?

जवाब- हमने ऐसा काम शुरू किया जो भारत के लिए एकदम नया था। वो वेस्टर्न मार्केट का काम है। हम इसे यहां लेकर आए और ग्रो किया। हम कंपनी को अपने क्षेत्र में ग्रो करने वाली कंपनी बानाना चाहते हैं। हम भारत में रहना चाहते हैं लेकिन दुनिया के लिए बनाना चाहते हैं।



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