फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का निधन: 90 की उम्र में ली अंतिम सांस; 8 बार जीता नेशनल फिल्म अवॉर्ड

फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का निधन:  90 की उम्र में ली अंतिम सांस; 8 बार जीता नेशनल फिल्म अवॉर्ड


5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया है। वे वोकहार्ट अस्पताल में एडमिट थे। 14 दिसंबर को ही उन्होंने 90वां जन्मदिन मनाया था।

श्याम बेनेगल की फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को बेहतरीन कलाकार दिए, जिनमें नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी प्रमुख हैं।

जवाहरलाल नेहरू और सत्यजीत रे पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के अलावा उन्होंने दूरदर्शन के लिए धारावाहिक ‘यात्रा’, ‘कथा सागर’ और ‘भारत एक खोज’ का भी निर्देशन किया।

श्याम बेनेगल के नाम सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है। उन्हें 8 फिल्मों के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

श्याम बेनेगल के 90वें जन्मदिन पर शबाना आजमी ने अपने X अकाउंट पर यह तस्वीर शेयर की थी।

श्याम बेनेगल के 90वें जन्मदिन पर शबाना आजमी ने अपने X अकाउंट पर यह तस्वीर शेयर की थी।

पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके

श्याम ने 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 15 एड फिल्म्स बनाई हैं। जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगोटन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्में उन्हीं ने बनाई हैं।

फिल्म जगत को दिए योगदान के लिए उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इनके खाते में 8 नेशनल अवॉर्ड हैं। सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है।

बेनेगल को 2005 में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भी दिया गया।

2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने श्याम बेनेगल को रजत कमला अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने श्याम बेनेगल को रजत कमला अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

श्याम ने 1974 की फिल्म अंकुर से बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी।

श्याम ने 1974 की फिल्म अंकुर से बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी।

गुरु दत्त के कजिन हैं श्याम बेनेगल

श्याम सुंदर बेनेगल का जन्म 14 दिसम्बर 1934 को हैदराबाद के मिडिल क्लास परिवार में हुआ। ये मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर गुरुदत्त के कजिन हैं। श्याम के पिता को स्टिल फोटोग्राफी का शौक था। श्याम भी अक्सर बच्चों की तस्वीरें लिया करते थे। अर्थशास्त्र में एम.ए. करने के बाद वे फोटोग्राफी करने लगे। पहली फिल्म ‘अंकुर’ बनाने से पहले उन्होंने एड एजेंसियों के लिए कई एड फिल्में बनाई थीं। फिल्म और एड बनाने से पहले श्याम बतौर कॉपी राइटर काम किया करते थे।

कांस फिल्म फेस्टिवल (1976) में फिल्म निशांत का प्रमोशन करते श्यान बेनेगल। इस मौके पर एक्ट्रेस शबाना आजमी भी मौजूद थीं।

कांस फिल्म फेस्टिवल (1976) में फिल्म निशांत का प्रमोशन करते श्यान बेनेगल। इस मौके पर एक्ट्रेस शबाना आजमी भी मौजूद थीं।

यह खबर लगातार अपेडट हो रही है…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Skip to content