कोविड के बाद अक्सर बीमार रहते थे जाकिर हुसैन: तलत अजीज बोले- 2 साल पहले उन्हें दिल की बीमारी हुई, कमजोर हो गए थे
46 मिनट पहलेलेखक: अमित कर्ण
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पांच बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता विश्वविख्यात तबला वादक जाकिर हुसैन का शनिवार को अमेरिका में 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। दिग्गज शायर और गायक तलत अजीज उनके बेहद करीबी थे। तलत अजीज ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में जाकिर हुसैन के बारे में बात की। पेश हैं प्रमुख अंश ..
जाकिर हुसैन का पार्थिव शरीर इंडिया लाया जाएगा या उनका अंतिम संस्कार अमेरिका में ही होगा?
उनकी पत्नी वहीं हैं। वैसे वह इटैलियन मूल की हैं, लेकिन अमेरिका ही रहती हैं। उनकी ख्वाहिश थी कि जाकिर हुसैन साहब का अंतिम संस्कार वहीं किया जाए। उनकी दो बेटियां हैं, लेकिन वे म्यूजिक फील्ड से नहीं हैं।
आपकी हाल में जाकिर हुसैन साहब से मुलाकात कब हुई थी?
एक कार्यक्रम के दौरान 6 महीने पहले मुलाकात हुई थी। उस समय उनकी सेहत ठीक नहीं थी। मास्क पहन कर आए थे और दुबले भी हो गए थे। मैंने पूछा तो बोले, ‘भाई संभालना पड़ता है, कोविड की वजह से अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया हूं।
उन्हें हार्ट का प्रॉब्लम दो साल पहले से ही था। अभी दो हफ्ते से आईसीयू में थे। फेफड़ों में तकलीफ हो गई थी। वो हर साल अक्टूबर में इंडिया आते थे और वह मार्च तक यही रहते थे।
जाकिर हुसैन साहब के साथ आप अक्सर कार्यक्रम में भाग लेते थे, उससे जुड़ी कुछ खास यादें, जो आप शेयर करना चाहें?
80 के दशक में हम साथ में जब बनारस जाते थे। वहां की एक याद शेयर करना चाहूंगा। एक दिन हमारा BHU में कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम में पंडित किशन महाराज जी बैठे थे। उन्होंने कहा था कि बनारस बहुत गुणी लोगों का शहर है। वहां संगीत सुनने वाले बहुत कमाल के लोग हैं। आज आपने वाकई कमाल कर दिया।
पंडित रविशंकर साहब और अल्ला रक्खा खान साहब ने इंडियन म्यूजिक को जहां तक पहुंचाया, जाकिर भाई उसे और आगे दुनिया के मंच पर लेकर गए।
अमेरिका प्रवास के दौरान की कुछ खास यादें?
2002 में अमेरिका टूर पर गया था। जाकिर साहब मिलने आए और अपने घर पर लेकर गए। उनकी वाइफ के साथ इटालियन रेस्टोरेंट में गए, जहां हमने खाना खाया। वहां से वो मुझे खुद अपनी गाड़ी से मेरे होटल तक छोड़ने आए।