अजाक्स इंजीनियरिंग का IPO 10 फरवरी को ओपन होगा: 13 फरवरी तक बिडिंग कर सकेंगे निवेशक, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,467

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मुंबई3 मिनट पहले
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अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO 10 फरवरी को ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 13 फरवरी तक बिडिंग कर सकेंगे। 17 फरवरी को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल ₹1,269.35 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए अजाक्स इंजीनियरिंग के मौजूदा निवेशक पूरे ₹1,269.35 करोड़ के 2,01,80,446 शेयर ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए बेच रहे हैं। कंपनी IPO के लिए एक भी नए शेयर इश्यू नहीं कर रही है।

अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
अजाक्स इंजीनियरिंग ने IPO का प्राइस बैंड ₹599-₹629 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 23 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹629 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,467 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 299 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,88,071 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड की स्थापना 1992 में हुई थी
अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड की स्थापना 1992 में हुई थी, जो कंक्रीट इक्विपमेंट बनाने और उससे जुड़ी सर्विस देने का काम करती है। अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड के पास कंक्रीट प्रोडक्श में कई तरह के इक्विपमेंट हैं, जिनमें सेल्फ-लोडिंग कंक्रीट मिक्सर, बैचिंग प्लांट, ट्रांजिट मिक्सर, बूम पंप, कंक्रीट पंप, स्लिप-फॉर्म पेवर्स, और 3D कंक्रीट प्रिंटर शामिल हैं। कंपनी के पास भारत के 23 राज्यों में 51 डीलरशिप हैं, जो 114 स्थानों पर सर्विस प्रोवाइड करती हैं।

IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
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