बेहतर सर्विस के लिए बदल सकते हैं हेल्थ-इंश्योरेंस कंपनी: हर पॉलिसी होल्डर को मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी से किसी अन्य कंपनी में स्विच करने का अधिकार

बेहतर सर्विस के लिए बदल सकते हैं हेल्थ-इंश्योरेंस कंपनी:  हर पॉलिसी होल्डर को मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी से किसी अन्य कंपनी में स्विच करने का अधिकार

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आरआईए इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर एस.के. सेठी2 घंटे पहले

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इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा ने साल 2011 से इंश्योरेंस खरीदारों को पोर्टेबिलिटी के अधिकार दिए हुए हैं। इस विकल्प का इस्तेमाल इंश्योर्ड व्यक्ति अपनी पॉलिसी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी से किसी अन्य इंश्योरेंस कंपनी में स्विच करने के लिए कर सकता है। यहां हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी से जुड़े कुछ आम सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं…

इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी कब चुनना चाहिए?

  • अगर बीमाधारक अपनी इंश्योरेंस कंपनी की सर्विस या क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस से संतुष्ट नहीं हैं।
  • यदि कोई अन्य कंपनी बेहतर फीचर, ज्यादा कवरेज या कम प्रीमियम ऑफर कर रही हो।
  • पॉलिसी होल्डर की हेल्थकेयर संबंधी जरूरतें बदल गई हैं और नई जरूरतों के लिए लिए किसी अन्य कंपनी में बेहतर कवरेज मिल रहा हो।

ये भी जानें… इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं देना होता है। इसके साथ ही पुरानी पॉलिसी के बेनिफिट का कोई नुकसान भी नहीं होता है। पिछली पॉलिसी में मिले मौजूदा बीमारियों के वेटिंग पीरियड को ही आगे बढ़ाया जाता है। इस मामले में सहूलियतें बनी रहती हैं।

पोर्ट कराते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?

  • इरडा के नियमों के मुताबिक यह जरूरी है कि पॉलिसी रिन्यू होने की तारीख से 45 दिन पहले पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया शुरू करें। नई कंपनी द्वारा इनकार करने की स्थिति में आपके पास मौजूदा बीमाकर्ता के साथ बने रहने का विकल्प होगा।
  • बाद की तारीख में क्लेम रिजेक्ट होने से बचने के लिए नई कंपनी को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूरी और सच्ची जानकारी दें।
  • नई और पुरानी कंपनी के कवरेज की तुलना करें। सुनिश्चित करें कि नई पॉलिसी आपके लिए जरूरी सभी बेनिफिट कवर करती है।
  • ऐसी भरोसेमंद इंश्योरेंस कंपनी चुनें, जिसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो और ग्राहक सेवा अच्छे हों।

इंश्योरेंस पोर्ट कराने में कोई नुकसान है?

  • बिना परखे इंश्योरेंस पोर्ट करवाने पर नुकसान हो सकते हैं। आपकी उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और अन्य जोखिम के आधार पर नई कंपनी में समान पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ भी सकता है।
  • हो सकता है कि नई कंपनी आपकी मौजूदा पॉलिसी से मेल खाने वाली पॉलिसी न दे पाए।
  • पोर्टेबिलिटी के लिए नई इंश्योरेंस कंपनी की मंजूरी जरूरी है। नई कंपनी आपकी चिकित्सा शर्तें या अन्य बातों के आधार पर आपका पोर्टेबिलिटी आवेदन अस्वीकार कर सकती है।
  • नई कंपनी के पास आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के विवरण और क्लेम हिस्ट्री तक पहुंचने का अधिकार/विकल्प होता है।

पोर्ट के बजाय नया प्लान लेना बेहतर है?

  • अगर आपकी मौजूदा पॉलिसी पुरानी है और पहले से मौजूद हेल्थ कंडीशन के लिए वेटिंग पीरियड पूरे हो गए हों तो नया प्लान लेने के बजाय पॉलिसी पोर्ट कराना ज्यादा बेहतर है।
  • अगर आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सीमित कवरेज मुहैया कराती है तो नई पॉलिसी लेना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन नए प्लान में वेटिंग पीरियड नए सिरे से शुरू होगा।

ये भी है विकल्प: आप पोर्ट करने या नया प्लान लेने के बजाय कुछ अतिरिक्त प्रीमियम देकर अपनी मौजूदा पॉलिसी में ही कंपनी द्वारा दिए जा रहे एड-ऑन या राइडर्स जोड़ सकते हैं और मौजूदा प्लान को बेहतर बना सकते हैं।

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